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नोवामुंडी : 1980 के गुवा गोलीकांड के आंदोलनकारी को आज तक नहीं मिला सम्मान

Noamundi (Sandip Kumar Prasad) : आठ सितंबर 1980 को गुवा में हुए गोलीकांड में 11 आदिवासी शहीद हो गए थे. परंतु इस गोलीकांड में गुवा थाना क्षेत्र के बुरुराईका गांव के एक ग्रामीण दूरगोडाय सिरका भी घायल हो गया था. गोली दूरगोडाय सिरका के होंठ के ऊपर से होते हुए गाल में छेद करते हुए निकल गया था.  इस दौरान उन्होंने बताया कि एक महीने तक ना ही वह कुछ खा पाया और ना ही पानी पी पाया. उन्होंने आगे बताया कि वह बिना कुछ खाए पीए एक महीना कैसे जिंदा रह गया वह खुद नहीं जान पाया. [caption id="attachment_398712" align="aligncenter" width="576"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2022/08/5-9-e1661400335132.jpeg"

alt="" width="576" height="883" /> दूरगोडाय सिरका की फोटो.[/caption] इसे भी पढ़ें :आदित्यपुर">https://lagatar.in/adityapur-yuva-janshakti-morcha-repaired-road-by-doing-shramdaan-in-motinagar/">आदित्यपुर

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आर्थिक स्थिति नहीं है अच्छी

वह बुरुराइका गांव में फॉरेस्ट के क्षतिग्रस्त घर में रहकर अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं. इनकी आर्थिक स्थिति इतनी दयनीय है कि वह सारंडा के जंगलों से दातुन और पत्ता बेच कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं. वह हर साल श्रद्धांजलि सभा में आस लगा कर आते हैं कि उन्हें भी  भी सम्मान मिलेगा. परंतु हर बार उनके हाथ निराशा ही लगती है. [caption id="attachment_398713" align="aligncenter" width="441"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2022/08/55-1-e1661400433162.jpeg"

alt="" width="441" height="576" /> दूरगोडाय सिरका की फोटो[/caption] [wpse_comments_template]
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